इठलाता, गहराता खूबसूरत प्रेम इठलाता, गहराता खूबसूरत प्रेम
पहचान का संकट पहचान का संकट
दर्द ए जख्म पर मरहम हम लगाते गए। दर्द ए जख्म पर मरहम हम लगाते गए।
उनका ये बचपना देख हम बड़े भी कभी तो खुश हो जाते। उनका ये बचपना देख हम बड़े भी कभी तो खुश हो जाते।
बाँहें फैला के करता है स्वागत ये मेरा अपना शहर। बाँहें फैला के करता है स्वागत ये मेरा अपना शहर।
हमारा रिश्ता अपवित्र है ही नहीं फिर भी, तुम्ही बताओ मेरी प्रियतमा इस रिश्ते का क्या नाम दूँ? हमारा रिश्ता अपवित्र है ही नहीं फिर भी, तुम्ही बताओ मेरी प्रियतमा इस रिश्त...